Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -01-Jul-2022छूटा हाथ छूठा साथ

छूटा हाथ छूठा साथ

छूटा हाथ छूटा साथ,
मानो कल की है बात।
संग मेरे वह चलता था,
सांसों में मेरी बसता था।
हर कदम साथ था हमसफ़र,
अब तो ख्यालों में है हरदम।
अब ना होती कोई बात,
छूटा हाथ छूठा साथ।
परछाई सा  वह संग चले,
हुए पूरे 6 साल देखो।
दिखता नहीं वह मुझको आज,
दिल की हर धड़कन में बसता।
अब तो मेरा हमराज,
छूटा साथ छूटी हर बात।
ना होए अब कभी मुलाकात,
नजरें ढूंढती हैं उसको।
आवाज भी आती है मुझको,
बस यादों में है मेरे बसता।
छूटा हाथ छूटा साथ।
           रचनाकार ✍️
           मधु अरोरा
प्रतियोगिता हेतु
1.7.2022
  

   20
10 Comments

Saba Rahman

03-Jul-2022 02:23 AM

Nice

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Aniya Rahman

03-Jul-2022 01:32 AM

Nyc

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Chudhary

03-Jul-2022 12:49 AM

Bhut khub

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